तुम बिन नींद न आती है

तुम बिन नींद न हमको आती है
प्यार जताती हो 
तो कभी छोटी बात में रुठ जाती हो
हमेशा खुद रोती हो तो कभी हमे रुलाती है
प्यार करती हो और निभाती हो
पर कभी कभी समझने से कतराती हो
पर अगले ही पल मान जाती हो
सुबह शाम मुझे अपने मधुर आवाज से जगाती हो
प्यार करती हो और प्यार निभाती हो
मुझ जैसे पागल को रोज झेल पाती हो
क्योंकि मुझसे ही प्यार करती हो 
और मुझी से प्यार निभाती हो

मेरे प्यारी जान के नाम

Comments

Popular posts from this blog

सिंदूरी आम-एक भ्रम कथा