दिल की आवाज है कोई....
दिल की हसरतो में है कोई
हवाओ की इन हरकतों में है कोई
है कोई हर पल इस दिल में
हर पल की चाहतो में है कोई
दिल की हसरतो में है कोई ।।
वफ़ा की चाह है या ये जाल है कोई
हमारे बीच मे कुछ है या ये चाल है कोई
हम बदल जाये या तुम खुद ही बदल जाओ
दिल टूटता है तो लगता है कि ये चाल है कोई
वफ़ा की चाह है या ये जाल है कोई ।।
मार तो जाए हम भी तुम्हारे इश्क़ में
पर इश्क़ में मरना भी अब सवाल है कोई
वफ़ा की चाह है या ये जाल है कोई ।।
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