तस्बीर बनाये बैठा हूँ
तस्बीर बनाये बैठा हूँ
जिन्हें इस दिल मे छुपाये बैठा हूँ
दर्द ए दिल लगाए बैठा हूँ
दर्द में भी मुस्कुराये बैठा हूँ
उनकी यादें सजाये बैठा हूँ
तस्बीर बनाये बैठा हूँ ।।
दिल को तो टूट जाना है मगर
फिर भी ख्वाब सजाये बैठा हूँ
मुहब्बत है या है ये कशिश
ये सोच के हर गम भुलाये बैठा हूँ
फिर से दिल लगाए बैठा हूँ
तस्बीर बनाये बैठा हूँ ।।
प्यार तो था मगर,
फिर भी छुपाये बैठा हूँ
उनके चेहरे की इस नूर को
दिल से लगाये बैठा हूँ
प्यार में तो भूलते हैं दुनिया मगर
मैं तो खुद को भुलाये बैठा हूँ
इस दर्द में भी मुस्कुराये बैठा हूँ
बस उनकी तस्बीर बनाये बैठा हूँ
जिनसे दिल लगाए बैठा हूँ ।।
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